नई पुस्तकें >> गौतम बुद्ध और उनके उपदेश गौतम बुद्ध और उनके उपदेशसुनील बाबुराव कुलकर्णी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गौतम बुद्ध और उनके उपदेशइस पुस्तक में न सिर्फ भगवान बुद्ध के जीवन की झलकियाँ, उनके विचार वजीवमात्र के प्रति उनकी करुणा का वर्णन है, बल्कि लेखक ने भगवान बुद्ध केबारे में गहन अध्ययन के पश्चात अपने मौलिक विचारों और कई तथ्यों से भीपाठकों को अवगत कराया है।पुस्तक में इन तथ्यों के कई प्रमाण हैं कि दुःख, हिंसा और गरीबी से तड़पतेलोगों की समस्याओं के हल के लिए भगवान बुद्ध ने आखिर त्याग पर बल क्योंदिया ! उनका मानना था कि एक प्रसन्न व्यक्ति ही इस जगत को सुखमय बना सकताहै। बुद्ध युद्ध के विरोधी थे और उनका मानना था कि युद्ध किसी समस्या कासमाधान नहीं हो सकता।
पुस्तक में अंगुलिमाल का एक लुटेरे से संत बन जाना, सम्राट बिम्बिसार, सम्राट प्रसेनजित सहित अनेकों राजपुरुषों की धम्म दीक्षा और चिंचाया द्वाराबुद्ध के खिलाफ किए गए षड्यंत्र पर भी प्रकाश डाला गया है।वर्तमान युग में बुद्ध के उपदेशों की प्रासंगिकता की विस्तृत विवेचना की गईहै। बुद्ध के जीवन, उनके अनुयायियों, उनके विरोधियों, उनकी शिक्षा, उनकेउपदेश देने का ढंग, प्रतीत्यसमुत्पाद, विपस्सना, विपस्सना केन्द्रों कीजानकारी, बौद्ध साहित्य और बुद्ध से सम्बन्धित तीर्थस्थलों की विस्तृतजानकारी सात अध्यायों में दी गई है। धम्म के अनुयायियों के लिए यह पुस्तकपथ-प्रदर्शक का काम करेगी।
पुस्तक में अंगुलिमाल का एक लुटेरे से संत बन जाना, सम्राट बिम्बिसार, सम्राट प्रसेनजित सहित अनेकों राजपुरुषों की धम्म दीक्षा और चिंचाया द्वाराबुद्ध के खिलाफ किए गए षड्यंत्र पर भी प्रकाश डाला गया है।वर्तमान युग में बुद्ध के उपदेशों की प्रासंगिकता की विस्तृत विवेचना की गईहै। बुद्ध के जीवन, उनके अनुयायियों, उनके विरोधियों, उनकी शिक्षा, उनकेउपदेश देने का ढंग, प्रतीत्यसमुत्पाद, विपस्सना, विपस्सना केन्द्रों कीजानकारी, बौद्ध साहित्य और बुद्ध से सम्बन्धित तीर्थस्थलों की विस्तृतजानकारी सात अध्यायों में दी गई है। धम्म के अनुयायियों के लिए यह पुस्तकपथ-प्रदर्शक का काम करेगी।
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